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E-Paper 20-07-2025

E-Paper 19-07-2025

Homeअपना जौनपुरनवरात्रि के पहलें दिन मन्दिरों में उमड़ा जनशैलाब

नवरात्रि के पहलें दिन मन्दिरों में उमड़ा जनशैलाब

प्रशासन की चाक चौबन्द व्यवस्थाओं के बीच श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

जौनपुर धारा, जौनपुर। चैत्र नवरात्रि का पहले दिन शीतला धाम चौकिया धाम व परमानतपुर स्थिम मैहर देवी मन्दिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा रहा। नवरात्रि के पहले दिन हजारों भक्तो ने मातारानी के दरबार में मत्था टेका। बुधवार के तड़के 4 बजे मन्दिर के कपाट खुलने के बाद मातारानी का आरती पूजन होने के पश्चात भक्तजनों ने मातारानी के दरबार नारियल चुनरी प्रसाद फूल चढ़ाकर दर्शन पूजन किया। आस्था के केन्द्र शीतमा मन्दिर परिसर शीतला मां के जयकारे से गूंजामान रहा। एक दिन पहले से ही दर्शन को पहुँचे लोगों की भीड़ बढ़ती ही गई।

मंदिर के प्रबंधक ने बताया कि चैत्र नवरात्र में मां की विशेष पूजा होती है यहां से दर्शन करने के बाद लोग विंध्याचल जाते हैं। चौकी इंचार्ज चंदन राय ने चारों तरफ मंदिर के महिला कांस्टेबल और पुलिस के जवानों को तैनात कर व्यवस्थाओं के चाक-चौबन्द होने का पूरा ख्याल रखा। यज्ञ हवन पूजन वैदिक मंत्रोच्चारण मातारानी के जयकारो से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। मातारानी के दर्शन पूजन के लिए दूर-दराज से आने वाले दर्शनार्थियो की लम्बी कतार लगी रहीं। भक्ति गीतों व घण्ट-घड़ियाल की आवाज से वातावरण देवीमय हो गया। व्रती महिलाओं ने पूजन कर मां को कहाड़ी चढ़ाया। पूर्वांचल के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। भीड़ को देखते हुए मंदिर के तीनों कपाट खोल दिए गए। धाम परिसर में कंट्रोल रूम स्थापित कर लगातार भीड़ को नियंत्रित करने की अपील होती रही। बड़ी संख्या में लोग दर्शन के बाद विंध्याचल धाम को रवाना हुए। मंदिर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मैहर देवी परमानतपुर में सुबह पौ फटने से पूर्व ही श्रद्धालु हाथ में माला, फूल, चुनरी, नारियल, अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि लेकर कतारबद्ध हो गए थे। महिलाओं ने सिंदूर भी माता के चरणों में अर्पित किया। उधर लोगों ने अपने-अपने घरों पर कलश स्थापना कर नौ दिवसीय देवी पूजा शुरू कर दिया। प्रात: उठकर स्नान आदि करके तमाम लोगों ने दुर्गा मंदिरों में जल चढ़ाया। ताड़तला निवासी व्रती सरोज सोनी के बताया कि चैत्र नवरात्र से हिन्दी नववर्ष की शुरूआत होती है। रामनवमी के पूर्व पड़ने वाले इस नवरात्र में नौ दिन नौ दूर्गा के सभी रूपों की उपासना की जाती है। इस दिन घरों से लेकर मन्दिरों तक कलश रखकर विधि-विधान से पूजन अर्चन कर आस्था ज्योति जलाई जाती है।

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