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टेढ़े बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर व ढीले तार नगर के लिए बनी समस्या

  • कहीं हाई टेंशन तार के सहारे तो, कहीं दूसरे पोल से बांधकर हो रही बिजली की आपूर्ति
  • वीआईपी क्षेत्रों का भी है बुरा हाल, कैसे पटरी पर आये व्यवस्थाएं

जौनपुर। नगर क्षेत्र के लगभग हर गली में बिजली के पोल टेढ़े होने व पोल पर लगे तार ढीले होने से की समस्या बनी हुई है, जिससे किसी भी समय कोई हादसा हो सकता है। कहीं-कहीं तो बिजली के तार इतने नीचे लटक आये है कि बारिश का मौसम में खतरा और बढ़ गया। शहर के कई हिस्सों में बिजली के खंभे टेढ़े हो चुके हैं। ये कभी भी तेज बारिश और आंधी के कारण टूट कर हादसे को दावत दे सकते हैं। मजे की बात तो यह है कि कई जगह उन पोलों के बगल में एक दूसरे पोल को गाढ़ दिया गया है, लेकिन उमने शिफ्टींग का काम अभी भी बाकी है।

शहर से लेकर गांव तक कहीं टेढ़े पोल से तार दौड़ाया गया है तो कहीं नंगे तार ही नीचे तक झूलते नजर आ रहे है। जिले के अलग-अलग इलाकों में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। कई जगहों पर बांस के सहारे ही बिजली आपूर्ति हो रही है। वीआईपी क्षेत्रों का भी बुरा हाल है। कई बिजली के खंभे टेढ़े खड़े हैं और ये कभी भी टूट सकते हैं। ऐसी ही स्थिति डीएम आवास के बाहर लगे एक बिजली का खंभे की है जो कि टेढ़ा हो गया है, उसके एवज में एक दूसरा पोल भी लगा दिया गया है लेकिन उसमें शिफ्टींग का कार्य नहीं हुआ। जिसके कारण पोल लगने का मकसद भी पूरा नहीं हुआ और खतरा अलग से बना हुआ है। ऐसे ही नगर के कई और स्थानों पर पोल का मामला है। अगर तेज बारिश व आंधी होती है तो यह कभी भी गिर सकता है। पोल तो जो गड़बड़ है वह लोगों के लिये खतरा बना हुआ ही है लेकिन जिले के बिजली विभाग की उदासीनता के कारण कलेक्ट्रेट परीसर के पीछे की तरफ एक ट्रांसफार्मर शौचालय की छत पर रखा हुआ है। जो बहुत बड़े हादसे को दावत दे रहा है। उक्त शौचायल क्षेत्र का सबसे व्यस्थतम शौचायल माना जाता है। वहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन रहता है। लेकिन उन्हे ट्रांसफार्मर से निकले वाले करंट का अंदाजा नहीं है। बता दें किया ट्रांसफार्मर को संचालित करने के लिये हाई टेंशन 11हजार बोल्ड के तार की आवश्यकता पड़ती है, उसके बाद ट्रांसफार्मर बिजली सप्लाई कराता है, ऐसे में बरसात के दिनों में टांसफार्मर से करंट उतरने का भी खतरा बढ़ जाता है। हांलाकि ट्रांसफार्मर के लिये दो पोल वहां लगाये गये है, लेकिन उन्हे अब तक पोल पर शिफ्ट नहीं किया जा सका है।

डीएम आवास गेट का है यह हाल…

डीएम आवास के बाहर टेढ़े पोल की जगह दूसरा पोल लगा दिया गया है, लेकिन उस पर केबलों के शिफ्ट करने का काम अभी भी बाकी है। इसे विभागीय लापरवाही कहें या उच्चाधिकारियों के हनक में कमजोरी कोई फर्क नहीं पड़ता। जब जिला अधिकारी के गेट के पास के पोल इस अवस्था में पड़े हैं तो जिले की क्या हालत होगी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।

हादसे का इंतजार कर रहा विभाग

बिजली की बेहतर आपूर्ति के लिए बांस बल्ली हटाकर सभी जगहों पर पोल लगाने, नंगे तार की जगह एबीसी लगाने, अच्छे ट्रांसफॉर्मर लगाने का दावा तो बिजली विभाग करता है लेकिन हकीकत इससे अलग है। बेहतर आपूर्ति के लिए हर महीने उपभोक्ताओं की ओर से समय पर बिजली का बिल भी जमा किया जाता है, इसके बाद भी समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। शहरी इलाके के शेखपुरा से मियांपुर की ओर बढ़ने वाले रास्ते पर एक पोल बिलकुल लटका हुआ है और उसी पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। यहां भी एक दूसरा पोल लगा हुआ है लेकिन शिफ्टींग के कारण सब कुछ अधूरा ही है।

टेढ़े पोल, झूलते तारों के सहारे हो रही बिजली आपूर्ति

यह पोल हुसेनाबाद तिराहे से लाइनबाजार थाने की ओर जाने वाले मार्ग का है जहां बिजली आपूर्ति राम भरोसे ही चल रही है, टेढे खम्भे कब कौन का नया बवाल खड़ा कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता है। ये इलाका भी अति व्यस्थतम है, जहाँसे आये दिन सैकड़ों लोगों का गुजरना होता है। विभाग जिले भर में कौन सी व्यवस्थाओं को सुधारने की बात कर रहा है, यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

पोल लगे होने के बावजूद शौचायल की छत पर रखा टांसफार्मर

कलेक्ट्रेट के पीछे शौचालय पर रखा टांसफार्मर भी बड़े हादसे को दावत दे रहा है। कलेक्ट्रेट परिसर के आने-जाने वाले तमाम लोग इस शौचायल का उपयोग करतें हैं। लेकिन विभाग को उनकी कोई चिंता नहीं है। ट्रांसफार्मर के लिये दो पोल लगें हैं लेकिन अधिकारी उसका उपयोग न करके शौचालय के सहारे क्षेत्र की सप्लाई चला रहें हैं।

न काम करतें है और नहीं जिम्मेदारी लेतें है अधिकारी

यही हाल डाकबंगले चौराहे से पाले मार्ग के किनारे लगे पोल की है, जो टेढ़ा हुआ पड़ा है। विभागीय अधिकारी अपनी कमियां छिपाने के लिये एक दूसरे पर जिम्मे मामले को सौंप कर बरी हो जातें हैं, धरातल पर जब काम की बारी आती है तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है।

यह है विद्युत विभाग के जिम्मेदार का हाल…

नगर के किसी भी समस्या के लिये मूझे कुछ भी बोलने से मना किया गया है। मामले में सर्किल के अधिकारी व शिर्ष के अधिकारी से बात किया जा सकता है। यह जवाब विद्युत वितरण मण्डल के अधिशासी अभियंता सचिन कुमार सिन्हा का उस वक्त मिला जब समाचार प्रकाशित करने के लिये जिले के बिजली विभाग से जुड़े एक मामले में उनसे वर्जन मांगा गया। उन्होने यहां तक कहा कि इस मामले का लिखित आदेश भी उनके पास है। लेकिन वे उपलब्ध नहीं करा सके।

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