- परिजनों में मचा कोहराम, पुलिस तैनात
जौनपुर धारा, जौनपुर। सुइथाकला क्षेत्र के अमावांकला गांव में बुधवार की सुबह जमीनी विवाद में दो पक्षों के बीच मारपीट हो गई। उस दौरान जहां एक अधेड़ की मौके पर मौत हो गयी वहीं एक नाबालिग किशोरी घायल हो गयी। घटना के बाद परिजनों समेत पूरे गाँव में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी वहीं क्षेत्राधिकारी शाहगंज शुभम तोदी भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया।

बताया जाता है कि सुबह उक्त गांव निवासी रामजीत पाल पुत्र बचई और अशोक कुमार पाल पुत्र रामप्यारे के बीच पुराने समय से जमीनी विवाद चला आ रहा था। इसी बीच पानी गिराने को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गये जिसको लेकर मारपीट हो गई। मारपीट में लाठी की चपेट में आने से मौके पर ही 48 वर्षीय अशोक की मौत हो गई। वहीं मृतक की बेटी मोनिका भी घायल हो गई। मौत हो जाने की जानकारी होते ही परिजनों समेत पूरे गाँव में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। मृतक तीन बेटियों और एक बेटे का पिता है। अभी सभी की जिम्मेदारी उसी के सिर पर थी। किसी तरह भेड़ बकरी पालन कर परिवार का भरण-पोषण करता था। मृतक की पत्नी मीरा देबी का रो-रोकर बुरा हाल है। खबर लिखे जाने तक मुकदमा दर्ज नहीं था। थानाध्यक्ष विक्रम लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल शांति व्यवस्था के लिए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
थाने पर हुई पंचायत भी काम नहीं आई
जौनपुर। सोमवार सुबह क्षेत्र के अमावांकला गांव में हुई अशोक कुमार पाल की हत्या की सूचना से समूचा गांव स्तब्ध सा हो गया है। इसके पूर्व भी दोनों पक्षों के बीच हुए आपसी विवाद में थाना परिसर में चली पंचायत का जिक्र करते देखे गए। लोगों का मानना था कि होनी प्रबल है, थाने में हुई पंचायत भी अशोक को काल के गाल में जाने से नहीं रोक सका। फिलहाल यही सत्य है, लेकिन अशोक की मौत के बाद तीनों बेटियों के हाथ पीले करने और भरण-पोषण करने का संकट मृतक के परिवार के सामने सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ा हो गया। मृतक भेड़ बकरियों को चराकर किसी तरह बूढ़े माता पिता, पत्नी व तीन बेटियों तथा एक बेटे की परवरिश कर रहा था। तीनों बेटियों के हाथ पीले करने और परिवार के भरण-पोषण को लेकर लोगों में चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थी। चर्चा थी कि यदि पंचायत में पुलिस मामले का कोई स्थायी समाधान निकाल सकी होती तो परिवार के सामने इस तरह का संकट नहीं आता।