उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पति-पत्नी के मोबाइल में लगे लॉक ने वैवाहिक जीवन में जहर घोल दिया. दोनों के बीच शक से शुरू हुआ विवाद मारपीट तक पहुंच गया. इसके बाद नारी उत्थान केंद्र में दोनों की काउंसलिंग कराई गई. तब दंपति ने अपनी-अपनी गलती मानी और तय हुआ कि वह अब मोबाइल में लॉक नहीं रखेंगे और एक-दूसरे को अपना-अपना मोबाइल भी देखने देंगे.
मझोला थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने एसएसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उसने बताया था कि 12 साल पहले उसकी शादी हुई थी. पति पीतल फर्म में नौकरी करते हैं. दंपति का एक छोटा बेटा है. महिला ने बताया था कि उसके पति शराब पीकर आए दिन उसके साथ मारपीट करते हैं. पत्नी ने आरोप लगाया कि पति के किसी दूसरी महिला से संबंध हैं, जिस कारण वह उसका उत्पीड़न कर रहे हैं. एसएसपी कार्यालय से महिला का प्रार्थना पत्र नारी उत्थान केंद्र में काउंसलिंग के लिए भेज दिया गया था. यहां दोनों को बुलाकर काउंसलिंग की गई. दंपति ने अपना-अपना पक्ष रखा. तब पता चला कि पति-पत्नी के बीच भरोसे की कमी है. दोनों एक-दूसरे पर शक करते हैं और मोबाइल में हमेशा लॉक लगाकर रखते हैं. अगली काउंसलिंग पर दोनों के परिवार वालों को भी बुलाया गया. उनकी भी काउंसलिंग की गई. इसके बाद पति-पत्नी को अपनी-अपनी गलती का अहसास हुआ और दोनों की सहमति से तय हुआ कि अब मोबाइल को अनलॉक रखेंगे. नारी उत्थान केंद्र के काउंसलर एमपी सिंह ने ‘न्यूज़ 18 लोकल’ को बताया कि पति-पत्नी के बीच शक की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसको लेकर दोनों में झगड़ा हो गया था. उन्होंने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया था, जो काउंसलिंग के लिए नारी उत्थान केंद्र आया. जहां पर दंपति को और उनके परिजनों को बुलाया गया. दोनों के बीच समझा-बुझाकर समझौता करा दिया गया है. पति-पत्नी अब एक-दूसरे को फोन का लॉक बताने को और एक दूसरे का फोन इस्तेमाल करने को तैयार हैं. दोनों को अपनी-अपनी गलती का अहसास हो गया है.