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Homeदेशइन दिनों चर्चा का विषय बनी 'द केरल स्टोरी'

इन दिनों चर्चा का विषय बनी ‘द केरल स्टोरी’

द केरल स्टोरी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. इस फिल्म में लड़कियों के धर्मतांरण से लेकर उन्हें आतंकी संगठन में फंसाना और घटनाओं में समर्थन देने के लिए तैयार करने जैसा किस्सा दिखाया है. वहीं इस बीच एबीपी न्यूज़ से उस शख्स ने खुली बातचीत की जो खुद को इसका पीड़ित बताती है.

इस लड़की ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि कैसे ये लोग लड़कियों का ब्रेन वॉश करते हैं… कंवर्जन हैडक्वाटर में क्या होता… क्या कोर्स होता है… लव जिहाद का कैसा तेजाबी सिलेबस पढ़ाया जाता है… ये कोर्स कितने दिनों का होता है… इस सब के जवाब इस लड़की ने कैमरे के सामने दिए. दरअसल, इस लड़की ने केरल फाइल्स के तीनों एपिसोड देखे थे जिसके बाद ये अपनी कहानी एबीपी न्यूज़ को कैमरे पर बताना चाहती थी. ये लड़की हिंदू नहीं ईसाई है जो केरल की रहने वाली है. इस लड़की ने अपना नाम बेल्ला बताया.  बेल्ला के मुताबिक, जब वो स्कूल में पढ़ रही थी तब उनकी मुलाकात शहाजहां से हुई. उसने कहा, पहले हम केवल दोस्त हुआ करते थे लेकिन वक्त के साथ प्यार में पड़ गए. शहाजहां जिस तरह बात करता था शायद कोई भी लड़की उसके प्यार में पड़ जाए या कहें झांसे में आ जाए. बेल्ला ने कहा, मैं इस कदर उसके झांसे में आ गई थी कि मैं तर्बियत में गई. वहां ये लोग सब से पूछ रहे थे कि क्या तुम अपनी मर्जी से मुसलमान बनना चाहते हो? उसने बताया कि मुझे पहले से ही शहाजहां ने कहा था कि अगर ऐसा कोई सवाल हो तो इसमें तुम अपनी मर्जी बताना. बेल्ला ने बताया, अगर मैं उन्हें ये नहीं बोलती तो वो मुझे रहने नहीं देते. इसलिए शहाजहां ने मुझसे जो कुछ कहा वो सब मैंने किया. पहले हमने सीखा कि दूसरे धर्म से मुसलमान कैसे बनते हैं. वो सबसे पहले शहादत कलमा पढ़वाते हैं. फिर हमें सिर से लेकर पांव तक नहलाया जाता है. जिसके बाद हमें मुसलमान बनना होता है. बेल्ला ने बताया, हमें दो महीने तक तर्बियत में रहना होता है क्योंकि उन्होंने मुसलमानों का पूरा इतिहास पढ़ाना होता है. नमाज से लेकर निस्कारा सब हमें सिखाया गया. बेल्ला ने बताया कि इस सब की प्रक्रिया के बाद वो बेल्ला से शाहीना बन चुकी थीं. बेल्ला बोली, वो दो महीने वहां नहीं रही बल्कि एक हफ्ते का कोर्स किया जिसमें उसने फातिहा, निस्कारा सीखा. साथ ही पांच तरह की नमाज थीं. सुहबी (फजर)… जोहर, असर, मगरिब, इशा… ये हमें करना पड़ता था. सुहबी दो बार पढ़नी होती थी. जोहर चार बार, असर चार बार, मगरिब तीन बार और इशा चार बार पढ़नी होती थी. इस तरह निस्कारा होता था. बेल्ला ने बताया कि इस दौरान शहाजहां वहां मौजूद नहीं था. बेल्ला ने कहा कि जब वो तर्बियत गईं थी तो वहां 20 और लड़कियां मौजूद थी जो इसलाम धर्म को अपना रही थीं. बेल्ला बोली, बाद में उसने शाहजहां से शादी कर ली हालांकि इसका उसके पास कोई प्रूफ नहीं थी. कोई कागज नहीं था. कुछ समय बाद उसकी डिलीवरी हुई और इसी दौरान उसे पता चला कि वो शाहजहां की पहली नहीं बल्कि चौथी बेगम है. बेल्ला ने बताया शादी के 7 साल बाद साल 2022 में शहाजहां ने उसे छोड़ दिया और चला गया. बेल्ला इन दिनों अपने बच्चे के साथ मां के घर में रह रही है और उसकी परवरिश कर रही है.

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