जौनपुर। मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के सरायबिका गांव निवासी हरिशंकर आज भी अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। सरकारी तंत्र और न्याय व्यवस्था से निराश होकर उसने न्याय की उम्मीद अब देवालयों से भगवान के दरबार में लगाई है। हरिशंकर की पीड़ा सिर्फ जमीन के टुकड़े की नहीं, बल्कि सिस्टम से मिले धोखे की है। पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने वाले रिश्तेदारों के खिलाफ 2010 से 2013 तक उसने थाने से लेकर तहसील, डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक फरियाद की, लेकिन न तो जमीन मिली और न ही इंसाफ। उल्टे उस पर आत्मदाह का आरोप लगाकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। अब हरिशंकर ने प्रशासन की आस छोड़कर ईशवर की चौखट पर अर्जी लगानी शुरू की है। बीते 17जून से उसने मध्यप्रदेश के इंदौर जिले स्थित कुबेरश्वर धाम से साइकिल यात्रा शुरू की है। यह यात्रा मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश होते हुए राजस्थान के प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी धाम तक जाएगी।
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अदालतों में नहीं, बल्कि भगवान के दरबारों से इंसाफ की उम्मीद ने निकला पीड़ित

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