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अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर न उतरें तो ट्रक ले जाकर हनुमान चालीसा बजाएं : राज ठाकरे

मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर मामले में फिर से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे आक्रामक रूख दिखाया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि, अगर अभी कुछ दिन में मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं उतारे जाते हैं तो ट्रक ले जाकर हनुमान चालीसा बजाएं. राज ठाकरे रविवार को गोरेगांव स्थित नेस्को ग्राउंड पहुंचे थे और बीएमसी चुनाव से पहले मुंबई के सभी बूथ प्रमुखों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. मनसे प्रमुख ने कहा कि मस्जिद पर लगे लाउड स्पीकर MNS के आंदोलन की वजह से उतारे गए. राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के बूथ प्रमुखों और कार्यकर्ताओं को कहा कि मस्जिदों पर जहां भी आपको अवैध रूप से लाउडस्पीकर लगे दिखाई दें, आप पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराएं. पुलिस अगर आपकी शिकायत नहीं सुनती है तो पुलिस स्टेशन के बाहर भी लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएं. उन्होंने कहा कि मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर हटाने की इच्छा बालासाहब ठाकरे की थी, उनकी इस इच्छा को हमने पूरा किया. ये सभी जो लोग हिंदुत्ववादी कहते हैं, ये सब कहां थे उस वक्त राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना उद्धव के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर जोरदार हमला बोला. राज ठाकरे ने कहा कि, सीएम पद पर रहते हुए बीमारी का कारण बताकर जो लोग घर में बैठे थे, वे लोग आज बाहर घूमने लगे हैं. इसकी वजह है कि सीएम एकनाथ शिंदे ने एक जादू की छड़ी घुमाई है, जिससे घर में बैठने वाले लोग बाहर निकल पड़े हैं. उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए राज ठाकरे ने कहा कि वे पैसे के लिए किसी के साथ भी गठबंधन कर लेते हैं. उनका उद्देश्य है कि सिर्फ पैसा आते रहना चाहिए. महाराष्ट्र में अगले साल फरवरी या मार्च महीने में बीएमसी का चुनाव हो सकता है. चुनाव को लेकर राज ठाकरे ने मुंबई में मनसे के सभी बूथ प्रमुखों और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन हुए आज 16 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. इन 16 सालों में हमने जिस भी काम के लिए आंदोलन शुरू किया उसे पूरा किया. हमारा स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा है. राज ठाकरे ने कहा कि हमने महाराष्ट्र के लोगों के लिए काम किया. मराठी युवकों के रोजगार के लिए हमेशा लड़ते रहे. रेलवे की परीक्षा देने के लिए बिहार से आए हुए परीक्षार्थियों से हमारे लोगों ने जाकर बातचीत करने की कोशिश की. बदले में हमारे लोगों को गाली दी गई. उसके बाद हमारे कार्यकर्ता आक्रोशित हुए थे. इस पूरी घटना को मीडिया ने दिखाया कि राज ठाकरे उत्तर भारतीय विरोधी है. राज ठाकरे ने कहा कि रेलवे के एक आंदोलन से हजारों मराठी लोगो को रेलवे में नौकरी मिली. हमने आंदोलन किया कि प्रश्न पत्र मराठी में क्यों नहीं आते. इसके बाद प्रश्न पत्र मराठी में आने लगा. उन्होंने कहा कि 3 से 4 महीने में 2 बड़े उद्योग महारष्ट्र से गुजरात चले गए, जो सही नहीं है. उस पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कहते हैं कि महाराष्ट्र से गुजराती और मारवाड़ी चले जाएंगे तो यहां उद्योग ही नहीं बचेगा.  सावरकर के मामले में राज ठाकरे ने कहा कि, सावरकर ने माफ़ी मांगी, ये बात सही है. लेकिन अंग्रेजों से माफी मांगने के पीछे उनकी एक योजना थी. 50 साल जेल में रहकर उन्होंने योजना बनाई और योजना के तहत माफी मांगकर लोगों के लिए, उनके हितों के लिए काम करना ज्यादा जरूरी समझा. तो इसमें गलत क्या है.

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